ऋणात्मक कार्य किसे कहते हैं - ldkalink

ऋणात्मक कार्य (negative work) का अर्थ क्या होता है को समझने से पहले हम कार्य को एक बार अच्छे से समझते हैं विज्ञान की भाषा में कोई भी कार्य संपन्न हुआ यह तभी माना जाता है जब किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है और वस्तु की स्थिति में परिवर्तन (विस्थापन) होता है तब इसे कार्य माना जाता है।

ऋणात्मक कार्य से आशय यह है कि वस्तु पर लगने वाला बल और विस्थापन दोनों विपरीत दिशा में होना चाहिए तब किया गया कार्य ऋणात्मक कार्य कहलाता है।

अतः ऋणात्मक कार्य किसे कहते हैं (rinatmak karya kise kahate hain) की परिभाषा (kparibhasha)/definition को निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है: 

ऋणात्मक कार्य किसे कहते हैं ? 


जब बल और विस्थापन की दिशा विपरीत होती है तो किया गया कार्य एक ऋणात्मक कार्य होता है उदाहरण, किसी वस्तु को गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध उपर की ओर फेकने में किया गया कार्य। 

ऋणात्मक कार्य में बल और विस्थापन के बीच बनने वाला कोण का मान 90 अंश से अधिक व 180 अंश का होता है।

उदाहरण/example


ब्रेक लगाने पर किया गया कार्य


किसी चलती हुई गाड़ी पर ब्रेक लगाने पर गाड़ी के रुकने तक जितनी भी दूरी तय की जाती है यह गाड़ी को रोकने के लिए लगाए गए बल के विरुद्ध होती है इस स्थिति में किया गया कार्य एक ऋणात्मक कार्य होता है।

वस्तु को ऊपर की ओर फेकने के किया गया कार्य


जब किसी वस्तु को ऊपर की ओर फेंका जाता है तो वस्तु पर नीचे की ओर एक गुरुत्वाकर्षण बल कार्य करते रहता हैं जबकि वस्तु ऊपर की ओर विस्थापित होता है इस प्रकार बल और विस्थापन दोनों एक दूसरे के विपरीत हो होते हैं अतः किया गया कार्य एक ऋणात्मक कार्य होता है।

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