धनात्मक कार्य किसे कहते हैं - ldkalink
धनात्मक कार्य (positive work) का अर्थ को समझने से पहले हम कार्य को अच्छे से समझते हैं विज्ञान की भाषा में कोई भी कार्य संपन्न हुआ तभी माना जाता है जब किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है और वस्तु की स्थिति में परिवर्तन होता है तब कार्य माना जाता है।
धनात्मक कार्य का यह अर्थ है कि वस्तु पर लगने वाला बल और विस्थापन दोनों एक दिशा में होना चाहिए तब किसी के द्वारा किया गया कार्य धनात्मक कार्य कहलाता है।
अतः धनात्मक कार्य किसे कहते हैं (dhanatmak karya kise kahate hain) या इसकी परिभाषा (paribhasha) को निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है:
धनात्मक कार्य किसे कहते हैं ?
जब वस्तु पर लगने वाला बल और विस्थापन ही एक दिशा में होता है तो किया गया कार्य एक धनात्मक कार्य होता है जैसे की उदाहरण के लिए घोड़े द्वारा गाड़ी को खींचना।
धनात्मक कार्य में बल और विस्थापन के बीच बनने वाला कोण एक न्यून कोण होता है लेकिन जब बनाने वाला कोण का मान शून्य होता है तो इस स्थिति में किया गया कार्य का मान अधिकतम होता है।
उदाहरण/example
क्षैतिज समतल में किया गया कार्य
जब कोई वस्तु क्षैतिज समतल पर गति करती है तो इस समय वस्तु पर लगने वाला बल और विस्थापन एक ही दिशा में होता है अतः इस स्थिति में किया गया कार्य एक धनात्मक कार्य होता है।
बच्चों द्वारा खिलौना वाली कार को अपनी ओर खींचना
जब किसी बच्चे द्वारा खिलौने वाली कार को अपनी ओर खींचा जाता है जो कार बच्चे की ओर विस्थापित होता है क्यों बल भी इसी दिशा में लगाया गया था इस प्रकार इसके द्वारा किया गया कार्य एक धनात्मक कार्य हुआ।