बल (force) - ldkalink
बल (force) किसे कहा जाता है: बल की अवधारणा (concept of force) को समझने के लिए एक वस्तु का उदाहरण हम लेते है यदि किसी वस्तु को हमे चलाना हो, किसी चलती हुई वस्तु को रोकना हो, वस्तु के स्पीड को कम ज्यादा करना हो।
या फिर वस्तु की आकार आकृति में किसी तरह का परिवर्तन करना हो या फिर परिवर्तन करने का प्रयास करते है तो इसके लिए वस्तु पर जो खिंचाव (pull) या धक्का (push) लगता है इसे बल के रूप में जाना जाता है अतः bal kise kahate hai. को इसकी परिभाषा (definition) से निम्न प्रकार से समझाया जा सकता है।
बल किसे कहते है/what is force in Hindi
"बल वह बाह्य कारक है जो किसी वस्तु की विरामावस्था या गतिअवस्था में परिवर्तन करता है या परिवर्तन करने का प्रयास करता है।"
बाह्य कारक से आशय की वस्तु में लगने वाले धक्का या खिंचाव से है जो वस्तु की स्थिति में परिवर्तन करता है या परिवर्तन का प्रयास करता है।
बल एक सदिश राशि है और इसका एस आई मात्रक न्यूटन तथा विमीय सूत्र [MLT-2] है, किसी वस्तु का वेग बल सकता है न्यूटन के गति के द्वितीय नियम के अनुसार, बल वस्तु के संवेग में परिवर्तन के दर के समानुपाती होता हैं बल कई प्रकार के ज्ञात है गुरुत्वाकर्षण बल, विधुत बल, चुम्बकीय बल, नाभिकीय बल आदि।
उदाहरण
बल द्वारा विरामअवस्था वस्तु को गतिव्यवस्था में लाना या लाने का प्रयास करना
- जमीन पर रखी गेंद को मारने पर वह लुढ़कने लगती है
- नाव को खेने पर नाव का पानी में चलने लगना
- पैडल मारने पर साइकिल का चलने लगना
बल द्वारा गतिवावस्था की वस्तु को विरामअवस्था में लाना या लाने का प्रयास करना
- चलती साइकिल पर ब्रेक लगाने पर साइकिल का रुक जाना
- पेड़ से गिरते फल को हाथ से पकड़ के रोकना आदि
बल द्वारा गति की दिशा को बदलना या बदलने का प्रयास करना
- रस्सी के एक सिरे में पत्थर बांधकर दूसरे सिरे को हाथ से पकड़कर वृत्तीय मार्ग में घूमने पर इसकी दिशा बदलते रहती है
- साइकिल के हैंडल की दिशा बदलने पर साइकिल की दिशा बदल जाती है
- साइकिल के पैडल को अगर उल्टा घुमाया जाए तो पहिए की घूमने की दिशा भी बदल जाती है।