गुरुत्व के अधीन गति (motion under gravity)
gurutva ke adhin gati
हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को गुरुत्वाकर्षण के कारण अपने केंद्र की ओर आकर्षित करती है, और वस्तु पर लगने वाले इस बल के कारण ही प्रत्येक वस्तुओं में ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर एक त्वरण कार्य करने लगता है और इस त्वरण को ही गुरुत्वीय त्वरण कहा जाता है इसे g से प्रदर्शित करते हैं।
पृथ्वी के समीप सामान दूरियों के लिए गुरुत्वीय त्वरण का मान 9.8 मीटर प्रति सेकंड स्क्वायर होता है अब यदि वायु जनित प्रतिरोध नगण्य होता है तो हम यह कहते हैं की वस्तु मुक्त रूप से नीचे की ओर गिर रही है इस प्रकार मुक्त पतन एक समान त्वरित गति का एक उदाहरण होता है।
अब यदि वस्तु की इस प्रकार की गति की दिशा को धनात्मक ले तो, गति के समीकरण में a=g u=0, s=h लिखा जाता है।
इस प्रकार गति के समीकरण कुछ इस प्रकार से लिखे जाते हैं -
(i) V=gt
(ii) h=1/2gt²
(iii) V² = 2gh
अब यदि किसी वस्तु को ऊपर की ओर फेंका जाता है तो इस समय a के स्थान पर -g लिखने पर गति के समीकरण को जिस प्रकार होंगे।
V= u - gt
h= ut - 1/2gt²
V² = u² - 2gh
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