गति का तृतीय नियम (third law of motion) - ldkalink

Gati ka Kriti niyam 

प्रत्येक क्रिया के बराबर तथा विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है अर्थात जितना बल एक वस्तु द्वारा दूसरे वस्तु पर लगाया जाएगा, उतना ही बल दूसरे वस्तु द्वारा भी पहले वस्तु पर लगता है लेकिन दोनों बल आपस में बराबर होने के साथ-साथ दिशाएं विपरीत होती है। 

उदाहरण (example) 


माना कि हमारे पास दो गेंद है जिसमें से यदि एक गेंद को फेंका जाए और वह दूसरे शहद पर जाकर टकराता है तो पहले गेंद द्वारा दूसरे गेंद पर जितना बल लगाती है उतना ही बल दूसरे गेंद द्वारा भी पहले शहद पर लगाती है लेकिन लगने वाला बल दोनो बालो पर इनकी दिशाएं विपरीत होती है।

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