तारे टिमटिमाते क्यों है - ldkalink

तारे टिमटिमाते क्यों है (Tare timtimate kyon Hain) 


पृथ्वी के समीप में वायु की जो परते होती है उसका घनत्व अधिक होता है जिससे कि इनका अपवर्तनांक भी अधिक होता है जैसे-जैसे ऊपर की ओर जाते-जाते हैं वायु की परतें विरल होती जाती है अतः वायु की विभिन्न परतों में वायु के कणों की गतिशीलता तथा इसके ताप में परिवर्तन होने लगता है जिसके कारण इसका घनत्व भी परिवर्तित होते रहता है जिससे कि प्रकाश की किरणों का मार्ग भी लगातार परिवर्तित होते रहता है इस प्रकार हमारी आंख में प्रवेश करने वाली किरणों की संख्या भी बदलते रहती है इसी कारण हमे तारे टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं।

Popular posts from this blog

पलायन वेग किसे कहते हैं - ldkalink